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अनुभूतियों और संवेदनाओं का केन्द्र मनुष्य का मस्तिष्क है। सुख-दुःख का, कष्ट-आनंद का, सुविधा और अभावों का अनुभव मस्तिष्क को ही होता है तथा मस्तिष्क ही प्रतिकूलताओं को अनुकूलता में बदलने के जोड़-तोड़ बिठाता हैं। कई व्यक्ति इन समस्याओं से घबरा कर अपना जीवन ही नष्ट कर डालते है, परन्तु अधिकांश व्यक्ति जीवन से पलायन … Read moreBlog